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Apr 01 2024, 13:47

केजरीवाल को नहीं मिली राहत, 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में, कोर्ट से पहली बार आया आतिशी और सौरभ भारद्वाज का नाम

#arvindkejriwalsenttojudicial_custody

शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आज 15 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। जहां से उन्हें अब न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। बता दें कि बीती 28 मार्च को अरविंद केजरीवाल को कोर्ट ने राहत नहीं दी थी और एक अप्रैल तक के लिए ईडी की रिमांड पर भेज दिया था। 

केजरीवाल जांच में सहयोग नहीं कर रहे

दरअसल अरविंद केजरीवाल की रिमांड सोमवार को खत्म हो रही थी। ऐसे में ईडी ने उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। ईडी ने कोर्ट से सीएम केजरीवाल की रिमांड न बढ़ाकर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग की। ईडी ने कोर्ट से कहा कि ज़रूरत होगी तो बाद में फिर रिमांड लेंगे। इस मामले में ईडी की तरफ से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने कोर्ट से कहा केजरीवाल ने डिजिटल डिवाइस के पासवर्ड नहीं दिए। पूछताछ में केजरीवाल गोल मोल जवाब दे रहे हैं। ज्यादातर सवालों का जवाब नहीं दे रहे हैं।

अब आया आतिशी और सौरभ भारद्वाज का नाम

वहीं, इस केस में आतिशी और सौरभ भारद्वाज का नाम भी सामने आया है। ईडी ने ये भी बताया कि पूछताछ में केजरीवाल आतिशी और सौरभ भारद्वाज के नामों का भी जिक्र किया। केजरीवाल ने कहा कि विजय नायर उन्हें रिपोर्ट नहीं करता था वो आतिशी और सौरभ भारद्वाज को करता था। आबकारी मामले में आतिशी और सौरभ का नाम पहली बार कोर्ट में लिया गया। हालांकि जब आबकारी नीति लाई गई तब दोनों भी मंत्री नहीं थे। केवल विधायक और प्रवक्ता थे।

ईडी ने 21 मार्च को केजरीवाल को उनके आवास से गिरफ्तार किया था। प्रवर्तन निदेशालय ने पिछली सुनवाई में केजरीवाल की सात दिन की हिरासत का अनुरोध किया था, लेकिन कोर्ट ने उन्हें 1 अप्रैल को पेश होने का आदेश दिया था।

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Apr 01 2024, 11:48

कच्चातिवु द्वीप को लेकर गरमाई देश की सियासत, क्या समझौते में श्रीलंका को दे दिया गया था द्वीप, जानें पूरा मामला

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लोकसभा चुनाव को लेकर देश का पारा चढ़ा हुआ है। पार्टियां एक दूसरे पर वार करने का कोई मौका गंवाना नहीं चाहती। हर पार्टी को चुनाव में नए मुद्दे की तलाश है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने कच्चातिवु द्वीप का मुद्दा उछाल दिया है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी ने रविवार को कच्चातिवु द्वीप को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला था। इसके बाद से इस द्वीप को लेकर सियासत तेज हो गई है। वहीं, आज यानी सोमवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि जनता को जानने का हक है कि कच्छतीवु को लेकर आखिर क्या हुआ था?

सबसे पहले जानते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी ने रविवार को कच्चातिवु द्वीप को लेकर क्या कुछ कहा।पीएम मोदी ने रविवार (31 मार्च) को अपने ऑफिशियल एक्स हैंडल पर इसके बारे में लिखा और कहा कि नए तथ्यों से पता चलता है कि कितनी बेरहमी से कांग्रेस ने कच्चातिवु को श्रीलंका को दे दिया। पीएम मोदी ने भी कच्चातिवु पर बोलते हुए कांग्रेस और डीएमके पर हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा कि बयानबाजी के अलावा, द्रमुक ने तमिलनाडु के हितों की रक्षा के लिए कुछ नहीं किया है। कच्चातिवु पर उभरते नए विवरणों ने डीएमके के दोहरे मानकों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। कांग्रेस और डीएमके पारिवारिक इकाइयां हैं। वे केवल इस बात की परवाह करते हैं कि उनके अपने बेटे और बेटियां बढ़ें। उन्हें किसी और की परवाह नहीं है। कच्चातीवु पर उनकी कठोरता ने हमारे गरीब मछुआरों और विशेष रूप से मछुआरों के हितों को नुकसान पहुंचाया है।

पीएम मोदी के बाद आज विदेश मंत्री जयशंकर ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मुद्दे को उठाया। जयशंकर ने 1974 में हुए उस समझौते की बात दोहराते हुए कहा कि उस साल भारत और श्रीलंका के बीच एक समझौता हुआ था। दोनों देशों ने उसपर हस्ताक्षर किए थे। उसके बाद कांग्रेस की तब की सरकार ने एक समुद्री सीमा खींची और समुद्री सीमा खींचने में कच्चातिवु को सीमा के श्रीलंकाई पक्ष पर रखा गया। जयशंकर ने आगे कहा कि हम जानते हैं कि यह किसने किया, यह नहीं पता कि इसे किसने छुपाया। हमारा मानना है कि जनता को यह जानने का अधिकार है कि यह स्थिति कैसे उत्पन्न हुई।

जयशंकर ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पिछले 20 वर्षों में, 6184 भारतीय मछुआरों को श्रीलंका द्वारा हिरासत में लिया गया है और इसी समयकाल में 1175 भारतीय मछली पकड़ने वाली नौकाओं को श्रीलंका ने जब्त किया। पिछले पांच वर्षों में कच्चातिवु मुद्दा और मछुआरे का मुद्दा संसद में विभिन्न दलों द्वारा बार-बार उठाया गया है। यह संसद के सवालों, बहसों और सलाहकार समिति में सामने आया है। तमिलनाडु के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने मुझे कई बार पत्र लिखा है और मेरा रिकॉर्ड बताता है कि मौजूदा मुख्यमंत्री को मैं इस मुद्दे पर 21 बार जवाब दे चुका हूं। यह एक जीवंत मुद्दा है जिस पर संसद और तमिलनाडु हलकों में बहुत बहस हुई है। यह केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच पत्राचार का विषय रहा है।

क्या है कच्चातिवु द्वीप का इतिहास

कच्चातिवू द्वीप का निर्माण 14वीं शताब्दी में ज्वालामुखी विस्फोट के कारण हुआ था। यह कभी 17वीं शताब्दी में मदुरई के राजा रामानद के अधीन था। ब्रिटिश शासनकाल में यह द्वीप मद्रास प्रेसीडेंसी के पास आया। 1921 में श्रीलंका और भारत दोनों ने मछली पकड़ने के लिए भूमि पर दावा किया और विवाद अनसुलझा रहा। आजादी के बाद इसे भारत का हिस्सा माना गया।

साल 1974 में 26 जून को कोलंबो और 28 जून को दिल्ली में दोनों देशों के बीच इस द्वीप के बारे में बातचीत हुई। इन्हीं दो बैठकों में कुछ शर्तों के साथ इस द्वीप को श्रीलंका को सौंप दिया गया। तब शर्त यह रखी गई कि भारतीय मछुआरे अपना जाल सुखाने के लिए इस द्वीप का इस्तेमाल कर सकेंगे और द्वीप में बने चर्च में भारत के लोगों को बिना वीजा के जाने की अनुमति होगी। समझौतों ने भारत और श्रीलंका की अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा चिह्नित कर दी। हालांकि इस समझौते का तमिलनाडु के तत्कालीन मुख्यमंत्री एम करुणानिधि ने तीखा विरोध किया था।

साल 1974 में 26 जून को कोलंबो और 28 जून को दिल्ली में दोनों देशों के बीच इस द्वीप के बारे में बातचीत हुई। इन्हीं दो बैठकों में कुछ शर्तों के साथ इस द्वीप को श्रीलंका को सौंप दिया गया। तब शर्त यह रखी गई कि भारतीय मछुआरे अपना जाल सुखाने के लिए इस द्वीप का इस्तेमाल कर सकेंगे और द्वीप में बने चर्च में भारत के लोगों को बिना वीजा के जाने की अनुमति होगी। समझौतों ने भारत और श्रीलंका की अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा चिह्नित कर दी। 

मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा

साल 2008 में तमिलनाडु की तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की जिसमें उन्होंने कच्चातिवु द्वीप को लेकर हुए समझौते को अमान्य घोषित करने की मांग की। याचिका में कहा गया कि इस द्वीप को गिफ्ट में श्रीलंका को दे देना असंवैधानिक है। इसे लेकर तमिलनाडु की सियासत हमेशा से गर्म रही है। इसी मुद्दे को लेकर लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पीएम मोदी ने फिर से कांग्रेस को निशाने पर लिया है।

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Apr 01 2024, 11:43

क्या मालदीव में भारत की जगह ले रहा चीन? द्वीप देश को पेयजल संकट से बचाने के लिए ड्रैगन ने भेजा 1500 टन पानी

#ismaldivesreplacingindiawith_china

भारत से दुश्मनी मोल लेना मालदीव के लिए महंगा पड़ रहा है। मालदीव जलकंट से जूझ रहा है। रेत के मैदानों से समृद्ध इस द्वीप राष्ट्र मालदीव को लगातार पानी की कमी का सामना करना पड़ता है। अतीत में, देश अपनी जल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपने निकटतम पड़ोसी भारत पर निर्भर रहा है। 2014 में, भारत ने मालदीव में 2,700 टन से अधिक पीने का पानी भेजने के लिए ऑपरेशन नीर लॉन्च किया था, जब राजधानी में एक जल शोधन परिसर में आग लग गई थी। 

हालांकि, मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपति पद संभालने के बाद से ही मालदीव का झुकाव चीन की ओर रहा है। यही वजह है कि भारत की जगह चीन मालदीप के लिए संकटमोटक बन कर उभरा है।

चारों से पानी से घिरा होने के बावजूद मालदीव एक-एक बूंद पेयजल के लिए तरस रहा है। भारत से संबंध बिगाड़ चुके मोइज्जू को जब इस संकट से पार पाने का काई रास्ता नहीं सूझा तो उन्होंने चीन के आगे गिड़गिड़ाकर वहां से 1500 टन ड्रिंकिंग वाटर अपने देश में मंगवाया है।मालदीव की सरकार ने घोषणा की है कि चीन ने माले को 1,500 टन पीने का पानी भेजा है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि मालदीव को पीने का पानी उपलब्ध कराने का निर्णय चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के अध्यक्ष यान जिनहाई की मालदीव की आधिकारिक यात्रा के दौरान किया गया, जहां उन्होंने पिछले नवंबर में राष्ट्रपति डॉ मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात की थी।

हालांकि, राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के इस कदम को लेकर उनके ही देश में सवाल उठ रहे हैं। देश के लोग पूछ रहे हैं कि करीब 4 हजार किमी दूर चीन से पानी मंगाने के बजाय उन्होंने परंपरागत मित्र रहे भारत से मदद क्यों नहीं मांगी, जिसकी मालदीव से दूरी केवल 300 किमी है।

दरअसल इसके पीछे चीन की पूरी सोची समझी साजिश है। दरअसल, चीन साउथ एशिया को भारत से दूर करना चाहता है।

पहले भी चीन ने की है मालदीव की मदद

मालदीव को चीन की ओर से मदद का यह पहला मामला नहीं है। इसी महीने मोइज्जू ने घोषणा की थी कि मालदीव ने चीन के साथ एक समझौता किया है, जिसके तह उसे चीनी सेना से गैर- घातक सैन्य उपकरणों के साथ ही मिलिट्री ट्रेनिंग भी हासिल होगी। यह समझौता चीन के अंतर्राष्ट्रीय सैन्य सहयोग कार्यालय के उप निदेशक मेजर जनरल झांग बाओकुन और चीन के निर्यात-आयात बैंक के अध्यक्ष रेन शेंगजुन के साथ राष्ट्रपति मोइज्जू की बैठकों के बाद हुआ।

इसके अलावा चीन के शोध जहाज शियांग यांग हॉन्ग-3 को लेकर भी एक समझौता हुआ है।यह जहाज हाल ही में मालदीव पहुंचा था. इसे चीन का जासूसी जहाज भी कहा गया।दोनों देशों के बीच हुए इस समझौते से भारतीय सागर क्षेत्र में समुद्री अनुसंधान प्रभावित हो सकता है।वहीं, भारत के मालदीव बायकॉट के बाद मुइज्जू ने देश के पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए चीन से मदद की गुहार भी लगाई थी।

मुइज़्ज़ू ने चीन से की मालदीव में पर्यटन को बढ़ावा देने की अपील

अपने चीन दौरे के समय मुइज़्ज़ू ने चीन के लोगों से ये भी अपील की थी कि वो पर्यटन के लिए मालदीव अधिक से अधिक संख्या में आएं। बीते साल पर्यटन के लिहाज से मालदीव के लिए भारत सबसे बड़ा देश था। लेकिन इस साल जनवरी में मालदीव के जूनियर मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर विवादित टिप्पणी की थी जिसके बाद भारत में ‘बायकॉट मालदीव’ का ट्रेंड चलाया गया था। तब से भारत मालदीव के लिए पर्यटन के मामले में छठे नंबर पर आ चुका है।

मालदीव आखिर चीन और भारत के लिए क्यों हुआ जरूरी?

मालदीव, 5 लाख लोगों की आबादी वाला एक छोटा सा देश है, जिसकी अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से पर्यटन पर निर्भर है. लेकिन दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाले देश भारत और चीन के लिए ये देश काफ़ी मायने रखता है। दक्षिण एशिया में अपना दबदबा बढ़ाने के लिए दोनों देश मालदीव में हो रहे छोटे-छोटे डिवेलपमेंट पर भी पैनी नज़र बनाए रहते हैं। भारत लंबे समय से मालदीव का सबसे बड़ा आर्थिक और सैन्य सहयोगी देश रहा है। मोहम्मद सोलिह की सरकार की भारत से क़रीबी जगजाहिर रही है।

हालांकि चीन ने भी बीते सालों में अपने बड़े वित्तीय संसाधनों के साथ इस इलाक़े में महत्वपूर्ण प्रगति की है, बुनियादी ढांचे को लेकर सौदे किए हैं और भारत के आसपास के देशों में पोर्ट भी लीज़ पर लिया है। कोविड के दौरान जब ज़्यादातर देशों ने मालदीव के पर्यटन उद्योग में अपना काम बंद कर दिया था तब भी चीनी कंपनियां यहाँ पैसा लगा रही थीं। लेकिन चीनी कंपनियों का ये पैसा बाज़ार से इकट्ठा नहीं किया गया था। ये पैसा चीन के सरकारी बैंकों का था। यानी ये सीधे तौर पर चीन की सरकार का पैसा था। 

इससे पहले सोलिह सरकार में भारत ने मालदीव में 45 से अधिक इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास योजनाओं में भागीदारी की। अगस्त 2021 में भारत और मालदीव के बीच ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट पर हस्ताक्षर हुए जिसके तहत भारत को उसे 50 करोड़ डॉलर की मदद देना था। मार्च 2022 में भारत ने मालदीव में दस कोस्टल रडार सिस्टम स्थापित किए। मालदीव के द्वीप अद्दु में पुलिस अकादमी की शुरुआत करने में भी भारत ने उसकी मदद की। जब से मुइज़्ज़ू राष्ट्रपति बने हैं चीन के साथ मालदीव की क़रीबी भी बढ़ी है। मुइज्ज़ू ने राष्ट्रपति बनने के बाद अपना पहला राजकीय दौरा चीन का किया था।

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Apr 01 2024, 10:10

चुनावी बॉन्ड पर पीएम मोदी का विपक्ष पर जोरदार हमला, बोले- आज जो इसे लेकर नाच रहे हैं, वो जल्द पछताएंगे

#pm_modi_attack_on_opponents_electoral_bonds

लोकसभा चुनाव के ऐलान के साथ ही चुनावी बॉन्ड को लेकर भी सियासत तेज है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने चुनाव आयोग को पूरी जानकारी उपलब्ध करा दी थी, जिसके बाद डाटा को सार्वजनिक भी कर दिया गया। चुनाव बॉन्ड के जरिए राजनीतिक पार्टियों को मिले चंदे पर कई विपक्षी पार्टियों ने सवाल भी उठाया है। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी बॉन्ड के मुद्दे पर विपक्ष पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि इस विषय पर हंगामा करने वाले लोगों को पछतावा होगा।

तमिल टेलीविजन चैनल ‘थंथी’ टीवी को दिए इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी ने बॉन्ड योजना के खारिज होने को अपनी सरकार के लिए झटका मानने से इनकार कर दिया। पीएम ने कहा-2014 से पहले चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों को मिले पैसे का कोई हिसाब नहीं मिलता था। मुझे बताइये ऐसा क्या हुआ है जिससे यह माना जाए कि यह मेरी सरकार के लिए झटका है। मैं पक्का मानता हूं कि जो लोग इसे लेकर आज नाच रहे हैं वो पछताने वाले हैं।

पीएम ने कहा, मैं पूछना चाहता उन सभी विद्वानों से कि 2014 से पहले जितने भी चुनाव हुए, उनमें पैसा तो खर्च हुआ ही होगा, तो कौन सी ऐसी एजेंसी है जो बता पाए कि पैसा कहां से आया, कहां गया? मोदी ने चुनावी बॉन्ड बनाया, इसके कारण आज आप ढूंढ पा रहे हो कि बॉन्ड किसने लिया, किसे दिया। इसके कारण पैसे का ट्रेल पता चल रहा है। कोई व्यवस्था पूर्ण नहीं होती, कमियां हो सकती हैं लेकिन उन्हें सुधारा जा सकता है।

वहीं, ईडी की ओर से विपक्षी नेताओं के खिलाफ एक्शन के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि हमने ईडी की स्थापना नहीं की, न ही यह हमारी सरकार थी जिसने पीएमएलए कानून पेश किया। ईडी एक संस्था है जो स्वतंत्र रूप से काम करती है। हम इसके काम में हस्तक्षेप नहीं करते। कांग्रेस के 10 साल के शासनकाल में ईडी ने सिर्फ 35 लाख रुपये जब्त किये थे। अब ईडी ने 2200 करोड़ रुपए का कालाधन जब्त किया।इसका मतलब है कि एजेंसियों का ऑपरेशन लीक नहीं हो रहा है। इसीलिए ये सब पकड़ में आ रहा है।

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Mar 31 2024, 21:27

कांग्रेस ने जारी की UP के 40 स्टार प्रचारकों की लिस्ट, जानें किसके-किसके नाम शामिल

डेस्क: देश भर में लोकसभा चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। एक तरफ जहां निर्वाचन आयोग देश में लोकसभा चुनाव को सकुशल संपन्न कराने की तैयारियों में जुटा हुआ है तो वहीं सभी राजनीतिक दल भी अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। इसी क्रम में आज रविवार को कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए यूपी के लिए 40 स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की है।

एक्स पर किया पोस्ट

कांग्रेस पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर इस लिस्ट को शेयर किया है। इसके साथ ही लिखा है कि 'लोकसभा आम चुनाव का पहला चरण जो 19 अप्रैल 2024 से निर्धारित है उसके लिए प्रदेश के स्टार प्रचारकों की सूची निम्नलिखित है। सभी नेतागणों को बहुत बहुत बधाई। आपके मार्गदर्शन में प्रदेश इस बार जीत के सारे रिकॉर्ड तोड़ेगा और INDIA गठबंधन सरकार बनाने का विजय मार्ग प्रशस्त करेगा।'

कई राज्यों की सीएम का भी नाम

बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने यूपी के लिए 40 स्टार प्रचारकों की जो लिस्ट जारी की है उसमें राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी और अजय कुमार लल्लू सहित कुल 40 लोगों के नाम शामिल हैं। इनके अलावा मल्लिकार्जुन खरगे, अविनाश पंडे, अजय राय, आराधना मिश्रा मोना, सलमान खुर्शीद, मीरा कुमार, सुखविंदर सिंह सुक्खू, सिद्धारमैया, रेवंत रेड्डी, डीके शिवकुमार, अशोक गहलोत, दिग्विजय सिंह, भूपेश बघेल, हरीश रावत, सचिन पायलट, प्रमोद तिवारी और राजीव शुक्ला के नाम भी हैं।

इन नेताओं का नाम भी शामिल

वहीं बाकी के स्टार प्रचारकों की बात करें तो इमरान प्रतापगढ़ी, दीपेंद्र सिंह हुड्डा, रंजीत रंजन, प्रदीप जैन आदित्य, निर्मल खत्री, राज बब्बर, बृदलाल खबरी, पीएल पुनिया, इमरान मसूद, मीम अफजल, नदीम जावेद, सुप्रिया श्रीनेत, धीरज गुर्जर, प्रदीप नरवाल, तौकीर आलम, राजेश तिवारी, सत्यनारायण पटेल, नीलांशु चतुर्वेदी, और अल्का लांबा के नाम भी इस लिस्ट में हैं।

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Mar 31 2024, 19:31

अप्रैल की शुरुआत में कहीं चलेगी लू तो कहीं होगी झमाझम बारिश, जानें कैसा रहेगा मौसम?

डेस्क: भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शनिवार (30 मार्च) को अपने मौसम पूर्वानुमान में कहा कि अप्रैल की शुरुआत में देश के कुछ राज्यों में जहां हीटवेव की संभावना है तो वहीं कुछ राज्यों में बारिश हो सकती है। विभाग के मुताबिक उत्तर-पश्चिम, मध्य और पूर्वी भारत में मध्यम से गंभीर तूफान की गतिविधि जारी रहने की उम्मीद है। इस बीच, पूर्वोत्तर भारत में 1 अप्रैल, 2024 तक भारी बारिश और तूफान का अनुमान है तो वहीं तेलंगाना में एक और दो अप्रैल, 2024 को अलग-अलग स्थानों पर हीट वेव चलने की संभावना है। इसके साथ ही रायलसीमा में 1 से 4 अप्रैल, 2024 को अलग-अलग स्थानों पर हीट वेव की स्थिति बनी रहेगी। मध्य प्रदेश, विदर्भ और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में भी 2 से 4 अप्रैल, 2024 के दौरान अलग-अलग स्थानों पर हीट वेव चलने की संभावना है।

कहीं चलेगी लू तो कहीं होगी भारी बारिश

मौसम विभाग ने बताया है कि मध्य भारत में छिटपुट वर्षा होने की संभावना है, जबकि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश की भविष्यवाणी की गई है। आईएमडी ने ओडिशा और बिहार के लिए आंधी-तूफान के साथ बारिश की चेतावनी जारी की है।

मौसम विभाग के नवीनतम अपडेट के अनुसार, अगले 3 से 5 दिनों तक मध्य और प्रायद्वीपीय भारत में लू की स्थिति रहने का अनुमान है। इसके साथ ही अगले तीन दिनों में उत्तर पश्चिम भारत के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान में 2-4 डिग्री सेल्सियस की कमी होने की उम्मीद है, इसके बाद तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होगी।

विभाग के मुताबिक अगले 2 से 3 दिनों में बीच पूर्वी भारत के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होगी, उसके बाद मौसम में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं होगा। इसके अलावा, अगले पांच दिनों में दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की समान वृद्धि का अनुमान है। 

31 मार्च से 3 अप्रैल तक विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग इलाकों में लू की स्थिति बने रहने की उम्मीद है। इनमें 31 मार्च से 1 अप्रैल के दौरान मध्य प्रदेश और विदर्भ, 31 मार्च को उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, 31 मार्च से 3 अप्रैल तक तेलंगाना और रायलसीमा में हीटवेव की स्थिति बनी रह सकती है। 

पश्चिमी विक्षोभ का दिखेगा असर

इसके अतिरिक्त, अप्रैल तक मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा के अलग-अलग हिस्सों में गर्म रात की स्थिति का अनुमान है। इसके अलावा, 3 अप्रैल तक तेलंगाना, रायलसीमा, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, केरल, माहे और उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश में गर्म और आर्द्र मौसम का अनुमान है।

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Mar 31 2024, 18:12

उज्जैन में प्रसाद नहीं खरीदने पर वकील के परिवार को पीटा, 9 घायल, बच्चियों से की छेड़छाड़, 25 दुकानों पर चला बुलडोजर

उज्जैन में बाबा काल भैरव के दर्शन करने गए सुप्रीम कोर्ट के वकील अमरदीप और उनके परिवार पर मंदिर के बाहर गुंडों ने हमला कर दिया। इस हमले में वकील का सिर फोड़ दिया गया और उनके परिवार और बच्चियों से भी छेड़छाड़ की गई। पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए 25 दुकानों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया।

वकील अमरदीप के परिवार ने बताया कि जब वे बाबा काल भैरव मंदिर के बाहर पार्किंग में गाड़ी लगा रहे थे, तो फूल-प्रसादी बेचने वालों ने जबरदस्ती उन्हें प्रसाद लेने के लिए कहा। जब उन्होंने प्रसाद नहीं लिया तो गुंडों ने उन पर हमला कर दिया।

पुलिस ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर पीड़ित परिवार को बचाया और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी। पुलिस ने 25 दुकानों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि वे अवैध रूप से कब्जा कर ली गई थीं।

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Mar 31 2024, 17:51

बिहार में कांग्रेस को बड़ा झटका, सीट शेयरिंग से नाराज अनिल शर्मा ने दिया इस्तीफा*

डेस्क: लोकसभा चुनाव को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष अपने-अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर रहे हैं। बिहार में महागठबंधन ने भी अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया है, जिसे लेकर राजद और कांग्रेस में खींचतान सामने आ रही है। एक तरफ जहां पूर्णिया सीट को लेकर राजद और कांग्रेस में मनमुटाव की बातें सामने आ रही हैं तो वहीं सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देकर कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। 

इस्तीफा देने के बाद अनिल शर्मा ने कहा कि सीट बंटवारे की वजह से पार्टी के कार्यकर्ताओं में निराशा है। कांग्रेस को ऐसी सीटें दी गई हैं, जहां जीतना मुश्किल है, जबकि आसानी से जीतने वाली सीटें पार्टी से छीन ली गई हैं। 

बिहार के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा ने कहा कि - आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कांग्रेस को कमजोर सीटें दी हैं। यह उनकी सोची-समझी रणनीति है, ताकि कांग्रेस बिहार में हाशिए पर ही रहे। बता दें कि इससे पहले अपनी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय के बाद पप्पू यादव पूर्णिया की सीट से चुनाव लड़ने की जिद पर अड़े हैं तो वहीं राजद ने जदयू से पार्टी में आईं बीमा भारती को चुनाव मैदान में उतार दिया है। अब पप्पू यादव इस जिद पर अड़े हैं कि पूर्णिया से ही चुनाव लड़ेंगे चाहे उन्हें निर्दलीय ही चुनाव क्यों ना लड़ना पड़े।

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Mar 31 2024, 16:53

रामलीला मैदान में विपक्षी गठबंधन की महारैली, जानें किस नेता ने क्या-क्या कहा


डेस्क: लोकसभा चुनाव 2024 का आगाज हो चुका है और सभी दल अपने-अपने तरीकों से चुनाव प्रचार के अभियान में लगे हुए हैं। आज रविवार को विपक्षी दलों के I.N.D.I.A अलायंस द्वारा दिल्ली के रामलीला मैदान में एक मेगा रैली का आयोजन किया गया है। इसमें विपक्षी दलों के कई प्रमुख नेता शामिल हुए हैं। विपक्षी गठबंधन ने इस रैली को 'लोकतंत्र बचाओ रैली' नाम दिया है। इस रैली में अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल भी शामिल हुई हैं। 

ये नेता शामिल हुए

रामलीला मैदान की रैली में सोनिया गांधी (कांग्रेस), एम खड़गे (कांग्रेस), राहुल गांधी (कांग्रेस), शरद पवार (एनसीपी), उद्धव ठाकरे (यूबीटी), आदित्य ठाकरे (यूबीटी), अखिलेश यादव (सपा)तेजस्वी यादव (राजद), डेरेक ओ ब्रायन (टीएमसी), टी शिवा (डीएमके), फारूक अब्दुल्ला (नेकां), चंपई सोरेन (झामुमो), कल्पना सोरेन (झामुमो), सीताराम येचुरी (सीपीएम), डी राजा (सीपीआई), दीपंकर भट्टाचार्य (सीपीआई-एमएल), जी देवराजन (फॉरवर्ड ब्लॉक) शामिल होंगे। 

अखिलेश यादव क्या बोले?

अखिलेश यादव ने कहा कि रैली के आयोजन के लिए आप के नेताओं का धन्यवाद। आज हम दिल्ली आए है और दिल्ली वाले बाहर गए हैं। ये समझ लेना हमसब एक साथ आ रहे हैं और दिल्ली वाले हमेशा के लिए बाहर जा रहे हैं। अगर 400 सीट आ रही है तो आप से घबराहट क्यों है, क्यों केजरीवाल और सोरेन को जेल भेजा है। हम अगर आने वाले का स्वागत करते हैं तो धूम-धाम से विदाई भी करते है ,पूरी दुनिया में भारत का नाम खराब किया है।

भाजपा पर बरसे राहुल गांधी

रैली में राहुल गांधी ने कहा कि आज केजरीवाल जी और सोरेन जी का नही नाम लेना चाहता हूं, क्यूंकि हम दिल से साथ मे हैं। राहुल ने कहा कि हमारे सारे एकाउंट बैन कर दिए गए, नेताओं को खरीदा जाता है, नेताओं को जेल में डाल जाता है। ये मैच फिक्सिंग मोदी जी अकेले नहीं कर रहे हैं जिनके साथ 2-3 अरबपति भी है। जनता के हाथ से अधिकार छीनने के ये किया जा रहा है, जिस दिन संविधान खत्म हो जाएगा उस दिन देश नहीं बचेगा। अगर हिंदुस्तान में मैच फिक्सिंग के चुनाव बीजेपी जीती और संविधान बदला तो पूरा देश जल जाएगा। ये देश बचाने वाला चुनाव है। 

देश में मिली-जुली सरकार की जरूरत- उद्धव ठाकरे

दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई विपक्षी गठबंधन की रैली में शिवसेना यूबीटी के चीफ उद्धव ठाकरे गठबंधन सरकार पर जोर दिया है। उन्होंने कहा है कि एक व्यक्ति और पार्टी की सरकार नहीं चल सकती है। मिली जुली सरकार हमें बनानी ही पड़ेगी। उन्होंने कहा कि पूरा देश कल्पना सोरेन और सुनीता केजरीवाल के साथ है। भाजपा को लग रहा होगा कि अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरेन को गिरफ्तार करने से लोग डर जाएंगे लेकिन उन्होंने अपने देशवासियों को कभी पहचाना नहीं। 

सुनीता केजरीवाल ने दिया अरविंद का संदेश

अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने रैली में दिल्ली सीएम का संदेश पढ़ा है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को ज्यादा दिन तक जेल में नहीं रखा जा सकता, वह शेर हैं। बीजेपी वाले कह रहे हैं केजरीवाल को इस्तीफा देना चाहिए,आप बताइए कि क्या केजरीवाल को इस्तीफा देना चाहिए? उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने जेल से ही गठबंधन के की तरफ से 6 गारंटी दी है- पूरे देश को 24 घंटे फ्री बिजली देने की गारंटी, देश के हर जिले में मोहल्ला क्लीनिक, दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा, किसानों को एमएसपी और सभी मोहल्ले में अच्छे स्कूल की गारंटी। 

भगवान राम के आदर्शों से सीख लेनी चाहिए- कल्पना सोरेन

हम आदिवासियों की कहानी लंबी लड़ाई की कहानी है। लोकतंत्र को खत्म करने के लिए कोशिश की गई है, उसको समाप्त करने के आप लोग आए है। आज संविधान की गारंटी को खत्म किया जा रहा है। इनकी गारंटी की गारंटी कौन लेगा। देश मे कोई नेता बड़ा नहीं हो सकता। देश की जनता सबसे बड़ी होती है। अपना देश बचाना है तो इंडिया गठबंधन का साथ देना होगा। कल्पना ने कहा कि आज से ठीक 2 महीने पहले हेमंत जी को गिरफ्तार किया गया था और केजरीवाल जी को 10 दिन पहले बिना सबूत के। आज हम सबको भगवान राम के आदर्शों से सीख लेनी चाहिए। झारखंड झुकेगा नहीं , इंडिया झुकेगा नहीं।

तेजस्वी यादव ने क्या कहा?

तेजस्वी यादव ने कहा कि जिस हिसाब से देश को बांटने का काम किया जा रहा है, इसलिए हम सब एक साथ आये हैं। अब की बार 400 पर नारा लगाने वाले का अपना मुंह है कुछ भी बोलेंगे। ये जनता तय करेगी। ऐसा लगता है कि पहले से ही EVM सेट हो रखा है। देश मे अघोषित इमरजेंसी लागू हो गया है। किसी को गाली देना नहीं है, लेकिन सत्ता से सवाल पूछना हमारा काम है।

देश बहुत मुश्किल हालात से गुजर रहा- महबूबा मुफ्ती

INDIA गठबंधन की 'महारैली' को संबोधित करते हुए PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि आज देश बहुत मुश्किल हालात से गुजर रहा है। ऐसा हाल है, ना कोई वकील, ना कोई दलील, ना कोई कार्रवाई, सीधा जेल। शायद कलयुग का अमृतकाल इसी को कहते हैं कि आप बिना कुछ पूछे लोगों को जेल में डाल देते हैं... मैं आपके चुने हुए नुमाइंदों की बात कर रही हूं जिन्हें आप वोट देकर विधायक, सांसद, मुख्यमंत्री, मंत्री बनाते हैं। कैसे उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर बिना कोई वकालत और कार्रवाई के जेल में डाला जाता है... हमने जम्मू-कश्मीर में पिछले 5 साल तक यही देखा है।

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Mar 31 2024, 16:16

पीएम मोदी ने उठाया 'कच्चाथीवू' द्वीप का मुद्दा, भारत के इस द्वीप पर क्यों है अब श्रीलंका का शासन

डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कांग्रेस पार्टी पर बड़ा हमला किया है। पीएम ने कच्चाथीवू द्वीप का जिक्र किया है जिसे दशकों पहले भारत सरकार ने श्रीलंका सरकार को सौंप दिया था। कच्चाथीवू एक भारत और श्रीलंका के बीच में एक छोटा, निर्जन द्वीप है लेकिन मछुआरों के लिए इसका महत्व काफी ज्यादा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर भारत की एकता, अखंडता और हितों को कमजोर करने का आरोप लगाया है। आइए समझते हैं कि क्या है ये पूरा विवाद।

क्या बोले पीएम मोदी?

पीएम मोदी X पर ट्वीट करते हुए कहा कि नए तथ्यों से पता चलता है कि कैसे कांग्रेस ने बेरहमी से कच्चाथीवू को छोड़ दिया। इससे हर भारतीय नाराज है और लोगों के मन में यह बात बैठ गई है कि हम कांग्रेस पर कभी भरोसा नहीं कर सकते। पीएम मोदी ने कहा कि भारत की एकता, अखंडता और हितों को कमजोर करना 75 वर्षों से कांग्रेस का काम करने का तरीका रहा है।

क्या है कच्चाथीवू द्वीप विवाद?

भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि मैं पूरे देश को याद दिलाना चाहूंगा कि यह 1975 तक कच्चाथीवू भारत का था और यह तमिलनाडु में भारतीय तट से सिर्फ 25 किमी दूर है। पहले भारतीय मछुआरे वहां जाते थे लेकिन इंदिरा गांधी के शासनकाल के दौरान तत्कालीन सरकार ने इसे श्रीलंका को सौंप दिया। उस समझौते में यह भी कहा गया था कि कोई भी भारतीय मछुआरा वहां नहीं जा सकता। इस वजह से कई मछुआरों को पकड़कर जेल में डाल दिया गया और अत्याचार सहना पड़ा। न तो डीएमके इस मुद्दे को उठाती है और न ही कांग्रेस यह मुद्दा उठाती है। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए त्रिवेदी ने पूछा कि वह इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं और उन्हें लोगों को बताना चाहिए कि न केवल उनकी पार्टी बल्कि उनका परिवार भी इसके लिए जिम्मेदार है। 

अमित शाह ने भी किया हमला

कच्चाथीवू विवाद पर गृह मंत्री अमित शाह ने भी कांग्रेस पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कच्चाथीवू को छोड़ दिया और इसके लिए उन्हें कोई अफसोस भी नहीं है। गृह मंत्री ने कहा कि कभी कांग्रेस का कोई सांसद देश को बांटने की बात करता है तो कभी भारतीय संस्कृति और परंपराओं को बदनाम करता है। इससे पता चलता है कि वे भारत की एकता और अखंडता के खिलाफ हैं। वे केवल हमारे देश को बांटना या तोड़ना चाहते हैं।